स्वयं सहायता समूह का रजिस्टर कैसे बनाएं। Swayam sahayata samuh ka rajister kaise banayen

स्वयं सहायता समूह का रजिस्टर कैसे बनाएं। Swayam sahayata samuh ka rajister kaise banayen

  राष्ट्रीय आजीविका मिशन (nrlm)भारत सरकार द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भारत सरकार द्वारा समय-समय पर अनेक योजनाओं का पात्र बनाया जाता है।Swayam sahayata samuh के गठन के बाद समूह का संचालन करने के लिए समूह के रजिस्टर बनाया जाते हैं। आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह के रजिस्टर कैसे बनाए जाते हैं। आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह में रजिस्टर किस प्रकार बनाए जाते हैं।

स्वयं सहायता समूह से जुड़े हुए इन रजिस्टर को स्वयं सहायता समूह की कार्यवाही पुस्तिका भी कहा जाता है।

Swayam sahayata samuh

स्वयं सहायता समूह का रजिस्टर कैसे बनाएं। Swayam sahayata samuh ka rajister kaise banayen।

स्वयं सहायता समूह का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन ऑफलाइन ब्लॉक स्तर पर जाकर करवाया जा सकता है। swayam sahayata samuh rajistration गांव की 10 से 12 महिलाएं मिलकर करती हैं। स्वयं सहायता समूह रजिस्ट्रेशन से पहले महिलाओं को समूह संचालन के लिए कुछ रजिस्टर बनाने की आवश्यकता होती है।
इन राजस्थान में समूह में होने वाली गतिविधियों जैसे की साप्ताहिक बैठक बचत एवं लेन-देन का हिसाब रखा जाता है।
आइए जानते हैं समूह में कितने प्रकार के रजिस्टर होते हैं और कैसे बनाए जाते हैं।

स्वयं सहायता समूह साप्ताहिक बैठक रजिस्टर।

स्वयं सहायता समूह गठन से पहले प्रत्येक सप्ताह महिलाओं को बैठक करनी होती है वह बैठक में समूह की महिलाओं के आर्थिक खर्चा एवं आर्थिक गतिविधियों की चर्चा की जाती है। समूह की महिलाएं समूह की बैठक में अनिवार्य रूप से भाग लेती हैं एवं समूह के प्रमुख सदस्य अध्यक्ष कोषाध्यक्ष एवं सचिव मिलकर समस्त समूह के सदस्यों के हस्ताक्षर एवं नामांकित करते हैं।
समूह के रजिस्टर  पर समूह के सदस्यों के नाम अंकित किए जाते हैं। इस रजिस्टर को स्वयं सहायता समूह साप्ताहिक बैठक रजिस्टर कहा जाता है।
इस रजिस्टर में सबसे पहले पन्ने पर समूह की प्रार्थना लिखी जाती है।


स्वयं सहायता समूह बचत खाते का रजिस्टर।

स्वयं सहायता समूह की बैठक के दौरान समूह की महिलाएं प्रत्येक समूह में बचत एवं लेन देन का लेखा जोखा एक राज्य स्तर पर करती हैं जिसका नाम स्वयं सहायता समूह बचत खाते का रजिस्टर कहा जाता है।
बैठक के उपरांत समूह की सदस्य महिलाएं अपनी बचत की धनराशि जमा करते हैं जिसे समूह के नाम पर खोले गए खाते में जमा कराया जाता है।
यह धनराशि ₹10 से लेकर ₹50 अथवा ₹100 हो सकती है।

स्वयं सहायता समूह में प्रस्ताव पारित करना।

स्वयं सहायता  समूह की महिलाएं समूह में किसी भी कार्य को करने से पहले बैठक करने के बाद समूह का प्रस्ताव पारित करती हैं। प्रस्ताव का मतलब होता है कि किसी भी समूह के सदस्य को आर्थिक सहायता के लिए लगने वाली धनराशि के बारे में चर्चा करके या किसी उद्योगों को खोलने के लिए प्रस्ताव पारित करना होता है।
स्वयं सहायता समूह में सरकार के तरफ से मिलने वाले धन को खर्च करने से पहले समूह की बैठक की जाती है। इस बैठक में एक सफेद कागज पर प्रस्ताव लिखा जाता है। धन कहां पर खर्च हो रहा है, धन खर्च करने के बाद मिलने वाला मुनाफा कितना होगा, धन कितने दिनों में लौटा दिया जाएगा इस प्रकार की जानकारी दी जाती है।
इस प्रकार आप समझ गए होंगे कि स्वयं सहायता समूह में कितने प्रकार के रजिस्टर बनाए जाते हैं उपरोक्त सभी प्रकार के रजिस्टर स्वयं सहायता समूह के गठन के पश्चात बनाना अनिवार्य होता है।


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