स्वयं सहायता समूह राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार द्वारा संचालित किए जाते हैं। स्वयं सहायता समूह के गठन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। स्वयं सहायता समूह में महिलाओं को नौकरियां भी प्रदान की जाती हैं।
आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह में वर्ष 2025 में कितनी तरह की नौकरियां उपलब्ध हैं।
Swayam sahayata samuh Job |
स्वयं सहायता समूह क्या है। स्वयं सहायता समूह से लाभ।
स्वयं सहायता समूह के गठन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। ग्रामीण क्षेत्र की 10 से 12 महिलाएं एक समूह का गठन करती हैं। स्वयं सहायता समूह को shg (self help group) भी कहा जाता है।
जिस प्रकार नाम से ही स्पष्ट है सेल्फ हेल्प ग्रुप ऐसा समूह जो स्वयं से सहायता करने में सक्षम हो उसे स्वयं सहायता समूह कहते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के 10 या 12 महिलाएं मिलकर स्वयं सहायता समूह का गठन करते हैं इसका पंजीकरण राष्ट्रीय आजीविका मिशन के वेब पोर्टल पर अथवा अपने ब्लॉक में जाकर कराया जा सकता है।
स्वयं सहायता समूह में नौकरी 2025
राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार ने समूहों के गठन के लिए ब्लॉक स्तर तथा ग्रामीण स्तर पर महिलाओं की संविदा पर नियुक्ति की हुई है। आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को किस प्रकार की नौकरियां मिल सकती हैं।
स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वर्ष 2022 में महिलाओं को निम्नलिखित प्रकार की नौकरियां मिल सकती हैं यदि उन पदों पर कोई पहले से ही नियुक्त ना हो।
प्रमुख प्रकार की नौकरी की जानकारी नीचे दी जा रही है।
स्वयं सहायता समूह में समूह सखी की नौकरी।
स्वयं सहायता समूह में समूह सखी की नौकरी के पद पर कार्य करने वाली महिलाओं को अपने ग्राम पंचायत में चलने वाले 2 से 3 समूहों के संचालन का कार्य करना पड़ता है। समूह सखी ग्राम संगठन से जुड़कर कार्य करती है। समूह सखी को समूह संचालन के कार्य के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन की तरफ से वेतन भी दिया जाता है।
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स्वयं सहायता समूह में BC सखी की नौकरी।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूह में समूह की महिलाओं को BC sakhi (banking correspondent) की नौकरी प्रदान की जाती है। बीसी सखी नौकरी में महिलाएं मिनी बैंक के रूप में गांव में पैसे का लेनदेन करती हैं।
इस योजना में आवेदन ब्लॉक स्तर पर ऑफलाइन किए जाते हैं। हाल ही में वर्ष 2021में उत्तर प्रदेश में 58000 ग्राम पंचायतों में बीसी सखी
के पदों पर नौकरियां दी थी।
BC सखी योजना में पैसे के लेनदेन एवं कमीशन के रूप में 1 महीने के ₹9000 से लेकर ₹15000 तक आसानी से कमा सकते हैं।
इस योजना में कार्य करने के लिए लैपटॉप एवं फिंगर प्रिंट डिवाइस भारत सरकार की तरफ से प्रदान किए जाते हैं जिनसे आप आधार नंबर और फिंगरप्रिंट के जरिए बैंक से पैसा निकालो जमा कर सकते हैं।
स्वयं सहायता समूह पशु सखी की नौकरी
स्वयं सहायता समूह में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत पशु सखी की नौकरी दी जाती है। पशु सखी की नौकरी के पद के लिए आवेदन ब्लॉक स्तर पर ऑफलाइन लिए जाते हैं। पशु सखी की नौकरी करने वाली महिला को स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को पशुओं के बारे में जानकारी देना एवं पशुओं से संबंधित योजनाओं की जानकारी देना होता है। इसके लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के द्वारा संविदा मानदेय भी दिया जाता है।
पशु सखी के पद पर आवेदन के लिए आपको अपने ब्लॉक स्तर पर संपर्क करना होगा अथवा अपनी समूह सखी से जानकारी लेना होगा।
स्वयं सहायता समूह बैंक सखी की नौकरी।
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बैंक सखी की नौकरी के पदों पर आवेदन कर सकती हैं। बीसी सखी और बैंक सखी में बहुत अंतर है। बैंक सखी का कार्य स्थानीय ग्रामीण बैंकों में रहकर समूहों के कार्य जैसे बैंक खाता खुलवाना CCL लोन का फॉर्म भरवाना इत्यादि कार्य होते हैं।
बैंक सखी की नौकरी कैसे मिलती है? बैंक सखी की नौकरी की क्या पात्रता है? बैंक सखी की नौकरी का क्या वेतन है?
स्वयं सहायता समूह में बिजली सखी की नौकरी।
भारत सरकार ने बिजली विभाग में स्वयं सहायता समूह को नौकरी देने को कहा है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को गांव में लगे बिजली मीटर की रीडिंग करके उपभोक्ताओं को बिजली बिल निकाल कर देने का कार्य सौंपा जाएगा। बिजली बिल निकालने का कार्य करने वाली महिलाओं को बिजली सही कहा जाएगा। इन महिलाओं को सरकार की तरफ से मासिक वेतन भी दिया जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 1000 बिजली कनेक्शन पर एक बिजली सखी की नियुक्ति की जाएगी। बिजली सखी बनाने के बाद आपको स्वयं के खर्च से थर्मल प्रिंटर लेना होगा। Thermal printer बाजार मैं 4000 से लेकर ₹5000 तक की धनराशि में मिल जाते हैं। इसके अलावा बिजली बिल मीटर रीडिंग के लिए आपके पास एक स्मार्टफोन होना चाहिए।
बिजली विभाग के द्वारा आपको आपके स्मार्टफोन पर एक ऐप दिया जाएगा जिसकी सहायता से आप बिजली बिल के मीटर की रीडिंग कर सकते हैं। मीटर रीडिंग के बाद आपको अपने स्मार्टफोन से बिजली बिल जमा करना होगा। स्मार्टफोन से बिजली बिल जमा करने के लिए आपको अपने वॉलेट को रिचार्ज करवाना होगा। वॉलेट रिचार्ज करवाने के लिए आपको अपने पास से धनराशि जमा करना होगा। बिजली बिल जमा करने और मीटर रीडिंग करने के लिए आपको सरकार की तरफ से मासिक मानदेय प्रदान किया जाएगा।
यह योजना भारत में कई क्षेत्रों में लागू कर दी गई है। इस योजना की पूर्णतया सफलता के बाद पूरे भारत में से लागू किया जाएगा।
इस प्रकार स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाओं के लिए समूह में राष्ट्रीय आजीविका मिशन की तरह से समय-समय पर अनेक नौकरियां प्रदान की जाती हैं। हालांकि आपको बता दें कि इन नौकरियों को संविदा पर रखा जाता है। संविदा पर नियुक्त नौकरी के पद के लिए कोई निश्चित मानदेय नहीं होता है।
स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किसी भी पद के लिए आवेदन करने हेतु आपको अपने ब्लॉक स्तर पर जाकर ब्लॉक मिशन मैनेजर से संपर्क करना होगा।
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