स्वयं सहायता समूह में रोजगार। रोजगार के लिए loan कैसे लें। स्वयं सहायता समूह में नौकरी

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स्वयं सहायता समूह में रोजगार। रोजगार के लिए loan कैसे लें। स्वयं सहायता समूह में नौकरी

 स्वयं सहायता समूह में अनेक रोजगार के अवसर राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दिए जाते हैं। आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि स्वयं सहायता समूह से रोजगार कैसे प्राप्त किया जाता है। अगर आप स्वयं सहायता समूह से जुड़कर रोजगार के लिए loan लोन लेना चाहते हैं। तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

स्वयं सहायता समूह में रोजगार

 स्वयं सहायता समूह में नौकरी।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूहों में रोजगार के अनेक अवसर प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह में समूह सखी, कृषि सखी, पशु सखी एवं जल सखी जैसे संविदा मानद पद हैं। इन पदों पर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत भर्ती प्रक्रिया होती है।
 ऊपर बताए गए और स्वयं सहायता समूह में नौकरी के समस्त पदों पर लगभग सभी पद प्रत्येक क्षेत्र में भर गए हैं। अतः हम आपको बताएंगे कि स्वयं सहायता समूह से रोजगार कैसे प्राप्त किया जाता है। अगर आपके पास स्वरोजगार का कोई बेहतर विचार है तो आप स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कम ब्याज दर पर लोन लेकर  अपना लघु उद्योग स्थापित कर सकते हैं।

समूह सखी क्या है।

स्वयं सहायता समूह की देखरेख एवं स्वयं सहायता समूह के संचालन का कार्य समूह सखी करती है। प्रत्येक ग्राम पंचायत के दो या तीन स्वयं सहायता समूह के संचालन का कार्य समूह सखी करती है। प्रत्येक स्वयं सहायता समूह में 7 से 10 महिलाएं जुड़ सकती हैं। समूह सखी को इसके लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन की तरफ से मासिक वेतन भी दिया जाता है।
समूह सखी स्वयं सहायता समूह को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तरफ से आने वाली समूह के लिए समस्त योजनाओं की जानकारी देती है।

कृषि सखी क्या है।

स्वयं सहायता समूह में कृषि सखी की भूमिका ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में कृषि से संबंधित आने वाले सभी योजनाओं को समूह की महिलाओं को बताना और उनका लाभ दिलाना होता है। कृषि सखी खेती करने वाले समूह की महिलाओं को उन्नत बीज एवं बीजों पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जानकारी देती है। कृषि सखी को राष्ट्रीय आजीविका मिशन की तरफ से वेतन मिलता है।
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पशु सखी क्या है।

स्वयं सहायता समूह में राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार की तरफ से पशु सखी की नियुक्ति की जाती है। पशु सखी का कार्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पशुओं के बारे में जानकारी देना। दुधारू पशुओं की उन्नत नस्ल के बारे में बताना। पशुओं से संबंधित व्यवसाय करने की जानकारी देना।
हमारी वेबसाइट के सर्च बार में जाकर सर्च करें पशु सखी और जाने अधिक जानकारी पशु सखी कैसे बनते हैं।

जल सखी क्या है।

स्वयं सहायता समूह में राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार की तरफ से जल सखी की नियुक्ति की जाती है। सखी के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की पानी की टंकी के बिल की वसूली का कार्य करती है।
जल सखी क्या है जल सखी कैसे बनते हैं अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट के साथ बार में जल सखी लिखें और सर्च करें।

बिजली सखी क्या है।

स्वयं सहायता समूह में बिजली सखी का कार्य ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में बिजली के बिल का वसूली करना होता है। स्वयं सहायता समूह में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। बिजली बिल के मीटर की रीडिंग एवं उपभोक्ता से बिजली बिल की वसूली का कार्य भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपा गया है।
बिजली सखी क्या है स्वयं सहायता समूह में बिजली से की कैसे बनते हैं अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट सर्च बाहर में बिजली सखी लिखकर सर्च करें ।

स्वयं सहायता समूह में प्रमुख रोजगार।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूह में समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कम ब्याज पर लोन दिया जाता है। स्वयं सहायता समूह के गठन के बाद समूह सखी समूह के नाम से बैंक खाता खुलवाती है। इस बैंक खाते में समूह के द्वारा प्रत्येक सप्ताह में बैठक के दौरान बचत किए गए धन को जमा किया जाता है। इस धन पर भारत सरकार औसत बैंक ब्याज दर की अपेक्षा अधिक ब्याज देती है। इसके अलावा बैंक से स्वरोजगार खोलने हेतु लोन loan भी लिया जा सकता है।
इस लोन को लेकर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्वयं का गृह उद्योग अथवा लघु उद्योग स्थापित कर सकती हैं।
स्वयं सहायता समूहों से 50000 से लेकर 1500000 रुपए तक का लोन लिया जा सकता है। Bank के अन्य loan जैसे कृषि घर अथवा कार लोन की अपेक्षा स्वयं सहायता समूह के खाते के माध्यम से लिए गए लोन पर 2% से 4% तक का ब्याज लगता है।
आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लोन लेकर कितने प्रकार के रोजगार किए जा सकते हैं।

स्वयं सहायता समूह से अचार पापड़ बनाने का रोजगार।

स्वयं सहायता समूह में स्वरोजगार खोलने हेतु अनेक अवसर एवं योजनाएं चलाई जाती हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार ने महिलाओं को कई प्रकार के रोजगार खोलने हेतु प्रशिक्षण दिए हैं। यदि आपके क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किसी भी रोजगार के लिए प्रशिक्षण नहीं दिया गया है तो आप अपनी समूह सखी से संपर्क कर सकती हैं।
स्वयं सहायता समूह से बैंक लोन लेकर आप अचार पापड़ का व्यवसाय आसानी से प्रारंभ कर सकती हैं। इस व्यवसाय में न्यूनतम लागत ₹20000 और अधिकतम लागत ₹500000 है। अचार पापड़ बनाने का व्यवसाय अपने क्षेत्र के अनुसार कर सकते हैं। इस व्यवसाय को प्रारंभ करके आप महीने के दस से ₹15000 आराम से कमा सकती हैं।

स्वयं सहायता समूह से सोलर लैंप बेचने व रिपेयरिंग करने का रोजगार।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सोलर लैंप बेचने एवं बनाने का प्रशिक्षण दिया है। भारत के कई राज्यों के जिलों में इससे संबंधित कार्यक्रम किए गए एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सोलर लैंप की रिपेयरिंग एवं बेचने का प्रशिक्षण दिया गया।
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं समूह से सोलर दीदी बनकर अपने क्षेत्र के किसी भी गांव में सोलर लैंप बिक्री एवं रिपेयरिंग की दुकान खोल सकती हैं और अपना रोजगार प्रारंभ कर सकती हैं।

स्वयं सहायता समूह से दोना पत्तल बनाने का रोजगार

स्वयं सहायता समूह में बैंक लोन लेकर आप दोना पत्तल बनाने का व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं। सैमसंग का समूह में 50000 से लेकर 500000 तक का लोन लिया जा सकता है। दोना पत्तल व्यवसाय 200000 से लेकर ₹300000 तक की लागत में प्रारंभ किया जा सकता है।
स्वयं सहायता समूह में समूह की महिलाओं को अनेक प्रकार के रोजगार प्रदान किए जाते हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार खोलने हेतु कई प्रकार के लोन दिए जाते हैं।


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