समूह सखी क्या है?।samuh sakhi job
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में यह भ्रम रहता है कि सहायता समूह के जरिए कभी ना कभी हमें नौकरी मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह के लिए भारत सरकार ने एक समूह सखी की नियुक्ति करने का आदेश दिया। समूह सखी का कार्य गांव में चल रहे 5 या 6 समूहों की देखरेख करना होता है। समूह सखी का कार्य ब्लॉक स्तर पर जाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत आने वाले समस्त प्रकार की योजनाएं एवं लाभों के बारे में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बताना होता है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वयं सहायता समूह होते हैं। यदि 1 ग्राम में 10 से 12 स्वयं सहायता समूह चल रहे हैं तो वहां पर दो समूह सखी की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है।
समूह सखी अपना कैसे नाम चेक करे लिस्ट में? ऑनलाइन मोबाइल पर कैसे निकाले?|स्वयं सहायता समूह की सूची |
भारत सरकार के राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूहों के अंतर्गत उत्तर प्रदेश मैं किस ग्राम में कितने स्वयं सहायता समूह चल रहे हैं और उसमें कितनी महिलाएं जुड़ी हुई हैं इन सब की डिटेल जानने के लिए आपको नीचे दिए गए वेबसाइट लिंक पर जाकर क्लिक करना होगा।
ऊपर दी गई लिंक को क्लिक करने के बाद निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करें।
- उत्तर प्रदेश स्वयं सहायता समूह की लिस्ट देखने के लिए सबसे पहले आपको अपना राज्य चुनना है जिसमें आपको उत्तर प्रदेश का चुनाव करना है।
- इसके बाद आपको अपना जिला चुनना है।
- जिला चुनने के बाद आपको अपना विकास क्षेत्र चुना है। जिसे हम ब्लॉक भी कहते हैं।
- ब्लॉक चुनने के बाद आपको संबंधित ब्लाक में आने वाले सभी ग्राम की लिस्ट मिल जाएगी।
- इसके बाद आपको अपना ग्राम चुन लेना है। ग्राम चुनने के बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना। जैसे ही आप सबमिट बटन पर क्लिक करते हैं आपके ग्राम में जितने भी स्वयं सहायता समूह चल रहे होंगे उनके नाम और उस में कितनी महिलाएं जुड़ी हुई हैं, सब की जानकारी सामने आ जाएगी।
स्वयं सहायता समूह क्या है? Swayam sahayata samuh kya hai?
स्वयं सहायता समूह को SHG भी कहते हैं। SHG का full form = self help group होता है।
भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं में धन के बचत एवं रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह गठन योजना प्रारंभ की।
स्वयं सहायता समूह का गठन ग्रामीण क्षेत्र की 10 से 12 महिलाएं कर सकती हैं। स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव तीन प्रमुख महिलाएं होती हैं और अन्य महिलाएं सदस्य के रूप में जोड़ी जाती हैं। इसके बाद अपने ब्लॉक स्तर पर जाकर अथवा ऑनलाइन कंप्यूटर या किसी सीएससी जन सेवा केंद्र पर स्वयं सहायता समूह का रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
इसके अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर वित्तीय लेनदेन जैसे कार्यों को करती हैं। स्वयं सहायता समूह में महिलाएं साप्ताहिक बैठक के दौरान गृह कार्य से कुछ बचत करते हैं। और उस बचत को समूह के नाम से खोले गए खाते में जमा किया जाता है। इस पर भारत सरकार सामान्य बचत खाते के मुकाबले अधिक ब्याज देती है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह से किसी भी उद्यम को लगाने हेतु ऋण दिया जाता है। स्वयं सहायता समूह का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में शराब और शोषण से मुक्ति पाने के लिए है
यदि किसी महिला का पति शराब पीता है और उस महिला के वित्तीय जरूरतों को पूरा नहीं करता है तो वह महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकती है।
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